हैकिंग क्या होता हैं ?

हैकिंग का सीधा सा तात्पर्य हैं कंप्युटर, मोबाईल, नेटवर्क , सॉफ्टवेयर में कमी खोजने के बाद उस कमी की सहायता से डाटा को चुरा लेना, डाटा को नष्ट कर देना, सिस्टम में वायरस इंस्टॉल कर देना उस सिस्टम को अपने कंट्रोल में ले लेना हैकिंग कहलाता  हैं। 

बात आती हैं की आखिर ये  कमी होता क्या हैं ? कंप्युटर की दुनिया में कमी का अर्थ vulnerability  या Bug होता हैं  जिसे त्रुटि भी कहते हैं । हम जानते हैं की कंप्युटर और अन्य Devices  हार्डवेयर और  सॉफ्टवेयर से मिलकर बने होते  हैं । कंप्युटर फील्ड में सॉफ्टवेयर को प्रोग्राम भी कहते हैं जिसे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में लिखा जाता हैं इन्ही प्रोग्रामों और सॉफ्टवेयर में किसी टूल्स की सहायता से हैकर वल्नरबिलिटी फाइन्ड करते हैं और इसी vulnerability की मदद लेकर सॉफ्टवेयर या कंप्युटर को हैक करते हैं ।  आने वाले पोस्ट में vulnerability के बारे में अच्छे से समझेंगे । 

हैकर कितने प्रकार के होते हैं ?

हैकर को उन्हे कार्य के अनुसार बाटा जा सकता हैं मुख्य रूप से हैकर तीन प्रकार के होते हैं 

हैकर के प्रकार :-

  1. व्हाइट हैट हैकर 
  2. ब्लैक हैट हैकर 
  3. ग्रे हैट हैकर 
व्हाइट हैट हैकर :-  व्हाइट हैट हैकर अच्छे काम के लिए किसी भी सिस्टम, नेटवर्क वेबसाइट आदि  को हैक करते हैं इनके पास हैकिंग करने के पर्मिशन होते हैं । इन हैकर के पास जब तक पर्मिशन नहीं होंगे तब तक यह किसी भी सिस्टम नेटवर्क वेबसाइट को हैक नहीं करते हैं । हैकिंग करने से पहले व्हाइट हैट हैकर सिस्टम या नेटवर्क के ओनर से पर्मिशन लेकर हैक करते हैं । इस हैकर को एथिकल हैकर भी कहते हैं । इन हककर्स को प्राइवेट कंपनी काम में रखते है ताकि ये हैकर कंपनी के सभी सिस्टम , नेटवर्क को हैक करने से बचा सके । हैकिंग करने के लिए जो पर्मिशन लेते हैं उसे लिखित में लिया जाता हैं जिसे Proof of  Concept कहते हैं । इस हैकर का मुख्य उदेश्य ब्लैक हैट हैकर से कंप्युटर और नेटवर्क को हैक होने से बचाने के लिए करते हैं  ताकि डाटा बचा रहे । 

ब्लैक हैट हैकर :-  यह हैकर व्हाइट हैट हैकर के बिल्कुल विपरीत हैं ये हैकर बुरे काम करने के लिए हैक करते हैं । इनके पास कोई भी पर्मिशन नहीं होते हैं । ये बिना पर्मिशन के कंप्युटर और नेटवर्क को अपने फायदे या बदला लेने के लिए हैक करते है । हैक करने के बाद ये हैकर पूरे सिस्टम या नेटवर्क को अपने कंट्रोल में ले लेता हैं और ओनर से पैसे के लिए demand करते हैं या ब्लैक्मैल भी करते हैं । यह सिस्टम या नेटवर्क को हैक करने बाद पूरे डाटा और सिस्टम ,नेटवर्क को नष्ट कर देते हैं । यह हैकर दुनिया के सामने नहीं आ सकते हैं इसका मतलब यह हैं की अपना परिचय दुनिया के सामने में नहीं रखते हैं छुपाये रखते हैं । 

ग्रे हैट हैकर :-  इन हैकर के पास हैकिंग के लिए पर्मिशन नहीं होते हैं । बिना पर्मिशन के यह सिस्टम या नेटवर्क और वेबसाइट को टेस्टिंग करते हैं । टेस्टिंग का अर्थ उन सिस्टम में कमी खोजना होता हैं सिस्टम अच्छे से कार्य कर रहा हैं या उसमे कुछ त्रुटि तो नहीं हैं ।   

स्क्रिप्ट किड हैकर :-   ये हैकर नौ सीखिए होते है इनके पास ज्यादा कंप्युटर स्किल नहीं हैं बस ये पहले से बने हुए हैकिंग टूल्स का उपयोग करके हैक करते हैं इसलिए इसे स्क्रिप्ट किड हैकर कहते हैं । 

हैकिंग के प्रोसेस :-

अब हमने हैकिंग का मतलब तो जान लिया लेकिन हमे ये नहीं मालूम हैं की हैकर किसी सिस्टम या नेटवर्क को कैसे हैक  करते हैं हैक करने के लिए कौन -कौन से प्रक्रिया होते हैं जिन्हे हैकर फॉलो करके किसी भी कंप्युटर सिस्टम नेटवर्क को सफलता पूर्वक हैक करते हैं । 

किसी भी काम को करने के लिए उसका कोई न कोई स्टार्टिंग पॉइंट  जरूर होता हैं वैसे ही  हैकिंग में हैक करने के लिए कुछ प्रोसेस होते हैं जिन्हे प्रत्येक हैकर फॉलो करके किसी भी सिस्टम में अपना पूरा कंट्रोल सुककेससफुली कर लेता हैं । 

  1. Information Gathering ( Footprinting &  Reconnaissance )
  2. Scanning 
  3. Gaining Access
  4. Maintaining Access
  5. Clearing Tracks 
हैकिंग कहा से सीखे ?

इस पोस्ट के लिए इसे ज्यादा गहराई में न जाते हुए शॉर्ट मे इन सभी स्टेप को समझते हैं  अगले पोस्ट में इन सभी को गहराई तक जाएंगे 
1. Information Gathering ( Footprinting &  Reconnaissance ):-  यह स्टेप्स प्रारम्भिक स्टेप होता हैं जिसमे हैकर अपने टारगेट के बारे में सभी जानकारी कालेक्ट करता हैं  । इनफार्मेशन गैदरिंग को फुट प्रिंटिंग या रीकानिसन्स भी कहते हैं । इस स्टेप्स के और दो भाग होते हैं 
  1. ऐक्टिव 
  2. पैसिव 
2. Scanning :-   इस स्टेप्स में हैकर अपने टारगेट के सिस्टम, नेटवर्क को स्कैनिंग करते हैं । 
स्कैनिंग में निम्नलिखित प्रकार के स्कैन करते हैं :-

  1. ऑपरेटिंग सिस्टम 
  2. ऑपरेटिंग सिस्टम के वर्ज़न 
  3. कर्नल वर्ज़न 
  4. सर्विसेज़ (chrome, Firefox)
  5. पोर्ट (ओपन / क्लोज़ )[ http,http,ftp,ssh,smb]
  6. Number of host
  7. Network Scanning
3. Gaining Access :-   इस स्टेप्स में हैकर जो scanning phase में इनफार्मेशन कालेक्ट किया था उसी के थ्रू सिस्टम या वेब साइट , नेटवर्क में कमी खोजते हैं । जिसके जरिए हैकर कंप्युटर सिस्टम और नेटवर्क को हैक कर सके और उसमे अपना नियंत्रण कर सके । 
4. Maintaining Access:-   यहाँ  पर अटैकर जो सिस्टम, नेटवर्क या वेबसाइट में कमी खोजे थे उसी के जरिए सिस्टम को हैक करता हैं हैक करने के बाद हैकर उस सिस्टम या नेटवर्क में अपना malicious कोड इन्जेक्ट कर देता हैं उस कोड को वह छुपा देते हैं ताकि हैकर को कोई ट्रैक न कर पाए और हैकर को जब वह सिस्टम को फिर से हैक करना पड़े तब उस कोड के जरिए सिस्टम को हैक कर ले ।  

5.Clearing Tracks:-  यह हैकर का last स्टेप होता हैं जिसमे हैकर अपना जीतने भी हैक करने के लिए प्रोसेस कीये है उन सभी ट्रैक को clear अर्थात मिटा देते हैं और एक रिपोर्ट बनाते  हैं जिसमे वह उन सभी प्रोसेस को लिखते हैं .



आज हमने हैकिंग के मतलब को समझे है और हैकर के प्रकार को जाने हैं हैकर हैकिंग करने के लिए 
कौन - कौन से प्रक्रिया या स्टेप्स को फॉलो करते हैं उनके बारे में जाने हैं । आशा करता हूँ आपको ये हमारा ब्लॉग पसंद आएगा होगा मैंने पूरी कोशिश किया हु आपको पूरा जानकारी दिया । यदि कुछ छूट जाता हैं तो कृपया आप हमे बताए । यदि आप हैकिंग में अपना करिअर बनना चाहते है तो आप हमारे ब्लॉग को सुसक्रिबे करे और कमेन्ट करके बताए की ये पोस्ट कैसे लगा ।